### कांच की गुड़िया
हरि के गाँव में एक पुरानी और रहस्यमयी हवेली थी, जिसे लोग 'कांच की गुड़िया' हवेली के नाम से जानते थे। यह हवेली अपनी खौफनाक कहानियों के लिए मशहूर थी, और गाँव के लोग इसे भूतिया मानते थे। हवेली की खिड़कियों पर हमेशा कांच की गुड़िया बैठी रहती थी, जो रात होते ही अपनी जगह से गायब हो जाती थी।
हरि, जो एक जिज्ञासु युवा था, ने इस हवेली के रहस्य को सुलझाने का निश्चय किया। उसके दोस्त – मोहन, राधा, और सुनील – ने भी उसके इस साहसिक निर्णय में साथ देने का वादा किया। एक रात, वे चारों अपने साथ टॉर्च और कैमरे लेकर हवेली में प्रवेश करने के लिए निकले।
जैसे ही वे हवेली के पास पहुंचे, हवा में एक अजीब सी ठंडक महसूस होने लगी। हवेली का दरवाजा एक डरावनी आवाज के साथ खुला, और अंदर घोर अंधेरा था। वे चारों ने मिलकर अपने कदम अंदर रखे और टॉर्च की रोशनी में आगे बढ़ने लगे।
अंदर का माहौल बहुत ही डरावना था। दीवारों पर जाले और फर्श पर धूल की मोटी परत थी। अचानक, उन्होंने एक धीमी और रहस्यमयी संगीत की आवाज सुनी। यह आवाज उन्हें हवेली के सबसे बड़े कमरे तक ले गई, जो कभी एक भव्य नृत्य कक्ष रहा होगा। वहाँ, उन्होंने कांच की गुड़िया को देखा, जो एक कोने में बैठी हुई थी। उसकी आँखें जैसे जीवित थीं, और वह हरि को घूर रही थी।
अचानक, गुड़िया हिलने लगी और कमरे में एक ठंडी हवा बहने लगी। गुड़िया ने एक भयानक हंसी के साथ बोलना शुरू किया, "तुम लोग यहाँ क्यों आए हो? यह हवेली तुम्हारे लिए नहीं है।"
डर के मारे, हरि ने गुड़िया से पूछा, "तुम कौन हो?"
गुड़िया ने जवाब दिया, "मैं इस हवेली की आत्मा हूँ। मेरा नाम सविता था। मेरे पिता ने मुझे इस हवेली में कैद कर दिया था, और तब से मैं यहाँ भटक रही हूँ।"
हरि और उसके दोस्तों ने सविता की आत्मा को शांति देने का निश्चय किया। वे हवेली के हर कमरे में गए और सविता के बारे में जानने की कोशिश करने लगे। अंत में, उन्हें एक पुरानी डायरी मिली, जिसमें लिखा था कि सविता के पिता ने उसे एक जादू से कांच की गुड़िया में बदल दिया था ताकि वह हमेशा उनके पास रह सके।
हरि ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर सविता की आत्मा को मुक्त करने के लिए एक अनुष्ठान किया। उन्होंने एक पवित्र मंत्र का उच्चारण किया और गुड़िया को हवेली के आँगन में गाड़ दिया। अचानक, हवेली की दीवारें हिलने लगीं, और एक चमकीली रोशनी के साथ सविता की आत्मा प्रकट हुई।
सविता ने हरि और उसके दोस्तों का धन्यवाद किया और धीरे-धीरे हवेली से गायब हो गई। हवेली के दरवाजे अपने आप बंद हो गए, और कांच की गुड़िया हमेशा के लिए गायब हो गई।
हरि और उसके दोस्त गाँव लौट आए और उन्होंने सबको इस घटना के बारे में बताया। कांच की गुड़िया हवेली अब एक साधारण खंडहर थी, और गाँव के लोग अब वहाँ जाने से नहीं डरते थे। हरि और उसके दोस्तों ने एक भयानक रहस्य सुलझाकर सविता की आत्मा को शांति दी थी, और गाँव में हमेशा के लिए अमन-चैन लौट आया था।
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